भारतीय पोषण कृषि कोष
वर्तमान परिप्रेक्ष्य
घटक
(ii) पोषण अभियान हेतु जन आंदोलन के लिए आशाजनक कार्यों (Promising Practices) का दस्तावेजीकरण
कृषि-खाद्य एटलस (Agro-Food Atlas)
इसके तीन भाग हैं-
वर्तमान परिप्रेक्ष्य
- 18 नवंबर, 2019 को नई दिल्ली में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (BMGF) के साथ मिलकर 'भारतीय पोषण कृषि कोष' (BPKK : Bharatiya Poshan Krishi Kosh) की घोषणा की गई।
घटक
- भारतीय पोषण कृषि कोष' परियोजना के दो घटक हैं-
(ii) पोषण अभियान हेतु जन आंदोलन के लिए आशाजनक कार्यों (Promising Practices) का दस्तावेजीकरण
कृषि-खाद्य एटलस (Agro-Food Atlas)
- इसे बेहतर पोषण संबंधी परिणामों हेतु देश के 127 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विविध फसलों के भंडार के रूप में कार्य करना है।
इसके तीन भाग हैं-
- वर्तमान में उगाई जा रही फसलें,
- कृषि-पारिस्थितिकी स्थिति (मिट्टी,जैविक कार्बन सामग्री, भू-जल उपलब्धता आदि) और
- इस पर दिशा-निर्देश कि आहार विविधता और पोषण को बढ़ावा देने के लिए किसी विशेष जिले या ब्लॉक में फसलों की विविधता को कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है?
- कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन के अनुसार, भारत को पोषण के मामले में सुरक्षित बनाने हेतु पांच सूत्री कार्ययोजना लागू करनी होगी। यह पांच सूत्री कार्ययोजना है-
- महिलाओं, गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों के लिए कैलोरी युक्त समृद्ध आहार सुनिश्चित करना।
- महिलाओं एवं बच्चों में प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए भोजन में समुचित मात्रा में दालों के रूप में प्रोटीन को शामिल किया जाना।
- विटामिन A, विटामिन B. लौह तत्व तथा जिंक जैसे सूक्ष्म पोषकों की कमी से होने वाली भूख को समाप्त करना।
- स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- विशेष रूप से 100 दिन से कम आयु के बच्चों वाले गांवों में महिलाओं को पोषण के बारे में जागरूक बनाना।
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