थायरोक्सिन (Thyroxin)
कार्य
- कोशिकीय श्वसन की गति को तीव्र करता है।
- यह शरीर की सामान्य वृद्धि विशेषतः हड्डियों, बाल इत्यादि के विकास के लिए अनिवार्य है।
- जनन-अंगों के सामान्य कार्य इन्हीं की सक्रियता पर आधारित रहते हैं। पीयूष ग्रंथि के हार्मोन के साथ मिलकर शरीर के जल-संतुलन का नियंत्रण करते हैं।
थायरॉक्सिन की कमी से होने वाला रोग
- जड़मानवता (Cretinism) रोग बच्चों में होता है, इसमें बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जाता है।
- मिक्सिडमा रोग यौवनावस्था में होता है। इस रोग में शरीर में उपापचय भली-भाँति नहीं हो पाता, जिससे हृदय-स्पंदन तथा रक्त-चाप कम हो जाता है।
- हाइपोथाइरॉयडिज्म (Hypothyroidism) रोग लम्बे समय तक थायरॉक्सिन हार्मोन की कमी के कारण यह रोग होता है। इस रोग के कारण सामान्य जनन-कार्य संभव नहीं हो पाता। कभी-कभी इस रोग के कारण मनुष्य गूंगा एवं बहरा हो जाता है।
- घेंघा (Goitre) रोग भोजन में आयोडीन की कमी के कारण होता है। इस रोग में थाइरॉयड ग्रंथि के आकार में बहुत वृद्धि हो जाती है।
Nice post
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