आर्थिक शब्दाबली भाग 4 |



कर उपकर तथा अधिमार (Tax, Cess and Sur-charge) : कर उपकर तथा अधिभार कर की श्रेणी में आते हैं, किन्तु उपकर तथा अधिभार कर से भिन्न हैं किसी उद्देश्य विशेष की पूर्ति के लिए कर नहीं लगाया जाता, जबकि उपकर तथा अधिभार दोनों ही किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए राजस्व की । उगाही के लिए लगाए जाते हैं। उपकर कर के साथ कर आधार पर ही किसी विशेष प्रयोजन के लिए लगाया गया कर है, जबकि अधिभार कर के ऊपर कर है, जिसकी गणना कर दायित्व पर की जाती है। सामान्यतया अधिभार प्रत्यक्ष कर पर लगाया जाता है, जबकि उपकर प्रत्यक्ष तथा परोक्ष कर दोनों पर लगाया जाता है। इस प्रकार सिद्धान्ततः उपकर कर आधार पर लगाया जाता है, जबकि कर भार कर दायित्व पर लगाया जाता है। पुनः अधिभार तथा उपकर की प्राप्ति को राज्यों के वितरण योग्य पूल (Divisible Pool) में नहीं डाला जाता। इसके राजस्व को उन उद्देश्यों पर लगाया जाता है, जिनके लिए इन्हें लगाया जाता है।
नकद आरक्षण अनुपात (Cash Reserve Ratio-CRR) : रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 42(1) के अन्तर्गत अनुसूचित बैंकों को यह अनिवार्य है कि वे अपनी जमाराशि के कम से कम 3% के बराबर रकम रिजर्व बैंक के पास नकद रूप में जमा रखें रिजर्व बैंक को यह अधिकार है कि वह इस अनुपात को 3% से बढ़ाकर 15% तक कर सकता है। इस अनुपात में वृद्धि करने का परिणाम यह होता है कि बैंकों के पास नकद कोष में कमी हो जाती है जिसके कारण ऋणों और अग्रिमों की मात्रा भी कम हो जाती है। 24 अप्रैल, 2010 से भारत में यह दर 6.0 प्रतिशत है।
मर्चेन्ट बैंकिंग (Merchant Banking) : वाणिज्यिक बैंकिंग के अन्तर्गत औद्योगिक तथा व्यापारिक संस्थानों को विशिष्ट प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इसमें परियोजना सम्बन्धी परामर्श (Project Counselling), व्यवहार्यता रिपोर्ट (Feasibility report) तैयार करना, प्रस्तावों पर सरकार की सहमति प्राप्त करना, नए निर्गमों (New issues) के प्रबन्धक के रूप में कार्य करना, कार्यशील पूंजी (Working capital) की व्यवस्था करना आदि बातें उल्लेखनीय हैं।
देशी बैंक व्यवस्था (Indigenous Banking) : भारत में देशी बैंक व्यवस्था के अन्तर्गत सर्राफ, सेट, साहूकार, महाजन, शेट्टी आदि को सम्मिलित किया जाता है, जो रुपया उधार देते हैं तथा हुण्डियों अथवा आन्तरिक विनिमय-पत्रों द्वारा वित्त प्रबन्ध करते हैं। देशी बैंकर अपने मित्रों तथा सम्बन्धियों से जमा भी स्वीकार करते हैं। ये रिजर्व बैंक के प्रत्यक्ष नियंत्रण में नहीं होते। वैश्विक गाँव (Global Village) : सूचना तकनीक के क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व क्रांति, चाहे वह उपग्रह के माध्यम से हुई हो या माइक्रोवेव से या कि कम्प्यूटर प्रणाली से, हमारे लिए एक नवीन दुनिया प्रस्तुत करती हैं। सूचना के मामले में दुनिया का आकार दिन-प्रतिदिन छोटा होता जा रहा है | अर्थात् हम एक-दूसरे के अत्यधिक निकट आते जा रहे हैं। मार्शल मकलुहान इसी स्थिति को ही 'ग्लोबल विलेज या ‘विश्वस्तरीय गाँव' कहते हैं।
यूरो-स्टार (Euro-Star) : इंगलैण्ड और फ्रांस को रेलमार्ग से जोड़ने के लिए समुद्र के नीचे बनाई गई सुरंग से होकर चलने वाली रेलयात्री गाड़ी को 'यूरो स्टार का नाम दिया गया है।
लाफर वक्र (Laffer Curve) : आर्ट लाफर द्वारा प्रतिपादित तथा अमरीकी जर्नलिस्ट जूड वैन्निस्की द्वारा बहुप्रचारित लाफर वक्र उस स्थिति की व्याख्या करता है। जब यह मानकर चला जाता है कि यदि करारोपण की दरों को कम कर दिया जाए तो सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि होगी, लेकन यह वृद्धि एक सीमा तक ही होगी। करों की दरों में इस सीमा से अधिक कमी कर दिए जाने पर करागत राजस्व में कमी आएगी। पूर्व में इसी अवधारणा को अमरीकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन तथा ब्रिटिश प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर अपना चुके हैं, लेकिन उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई थी। हरी पंचायत : ग्रामीण रोजगार उपार्जन योजनाओं के अन्तर्गत उपलब्ध निधियों की सहायता से वनीकरण कार्य शुरू करने हेतु ग्राम पंचायतों को प्रेरित करने के प्रयोजन से पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा एक पुरस्कार प्रारम्भ किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत् प्रत्येक जिले में ग्राम सभा के वनीकरण के बारे में किए गए प्रयासों का 4 वर्षों के पश्चात् मूल्यांकन किया जाएगा और जो ग्राम सभा इस सम्बन्ध में सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगी उन्हें जिले की सबसे ‘हरी पंचायत होने के लिए एक लाख रुपए का नगद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
स्वयं सहायता समूह (Self Help Group-SHG) : भारत में स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना (SGSY) का एक महत्वपूर्ण घटक (Group Approach) है। इसका सम्बन्ध गरीबों को संगठित करके 'स्वयं सहायता समूह' (SHG) का निर्माण करना है। एक स्वयं सहायता समूह में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों से सम्बन्धित 10 से 20 व्यक्ति हो सकते हैं तथा एक व्यक्ति एक से अधिक समूह का सदस्य नहीं होना चाहिए। पहाड़ी क्षेत्रों तथा रेगिस्तानी क्षेत्रों में तथा विकलांग व्यक्तियों के मामलों में यह संख्या 5 से 20 तक हो सकती है। ‘स्वयं सहायता समूह' में महिलाओं के लिए वरीयता प्रदान की गई है। यह योजना एक ऋण एवं सब्सिडी योजना है, जिसमें ऋण एक प्रमुख तत्व है। भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में सब्सिडी की सीमा परियोजनाओं लागत की अलगअलग निश्चित की गयी है। स्वयं सहायता समूहों के लिए सब्सिडी परियोजना लागत का 50%, किन्तु अधिकतम 1.25 लाख रुपए निर्धारित की गई है। सिंचाई परियोजनाओं के लिए सब्सिडी की कोई वित्तीय सीमा नहीं रखी गई है। सब्सिडी कार्येत्तर है।
आउटकम बजट (Outcome Budget) : आउटकम बजट के अन्तर्गत एक वित्तीय वर्ष के लिए किसी मंत्रालय अथवा विभाग को आबंटित किए गए बजट में अनुश्रवण तथा मूल्यांकन किए जा सकने वाले भौतिक लक्ष्यों का निर्धारण इस उद्देश्य से किया जाता है कि बजट के क्रियान्वयन की गुणवत्ता को परखा जाना सम्भव हो सके। भारत में केन्द्रीय सरकार ने इस नई पद्धति को वर्ष 2005-06 के बजट में प्रस्तावित किया था। इनमें पहली बार वित्त मंत्री द्वारा 25 अगस्त, 2005 को संसद में प्रस्तुत किया था। वर्ष 2005-06 के बजट में इसे केवल आयोजनागत बजट के लिए ही प्रस्तुत किया गया था, लेकिन भविष्य में इसे आयोजना भिन्न बजट में लागू करने का सरकार का इरादा है। इस प्रकार आउटकम बजट सामान्य बजट की तुलना में एक कठिन प्रक्रिया है, जिसमें वित्तीय प्रावधानों को परिणामों के सन्दर्भ में देखा जाना होता है।
सूचना का अधिकार अधिनियम : किसी व्यक्ति को, जोकि सूचना पाने का इच्छुक है, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 है। इसकी प्रस्तावना में लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हुए माना गया है कि संवेदनशील सूचना की गोपनीयता बनाने की जानकारी को छोड़कर शेष जानकारी से नागरिकों को अवगत कराना होगा। ये सरकारी, अर्द्ध-सरकारी स्वायत्त संस्थाएं, नगर पंचायत, नगरपालिकाएं, ग्राम पंचायत इत्यादि सभी को लागू होगा।

स्वच्छन्द उद्योग (Footloose Industries) : स्वच्छन्द उद्योग ऐसे उद्योग को कहा जाता है जिसे कहीं भी रस्थापित किया जा सकता है अर्थातृ जिसके लिए परिवहन लागतों का कोई महत्व नहीं होता। ऐसे उद्योग कच्चे माल के स्रोत के निकट स्थापित नहीं किए जाते जैसा कि लौह एवं इस्पात उद्योग के साथ होता है। स्वच्छन्द उद्योग प्रायः विश्वविद्यालयों, अनुसंधान केन्द्रों के निकट स्थापित किए जाते हैं। ये गैर–प्रदूषणकारी उद्योग हैं। ग्राम ज्ञान केन्द्र : केन्द्र सरकार ने वर्ष 2005-06 के बजट में 100 करोड़ की लागत से ग्राम ज्ञान केन्द्र स्थापित करने की घोषणा की थी। सरकार का यह कदम गॉवों | और शहरों के बीच सूचना प्राप्त करने के लिए ब्रिज का कार्य करेगा। इन सूचना केन्दों पर ग्रामीणों तथा किसानों को कृषि सम्बन्धित नई जानकारी, बाजार भाव, कृषि उपज के विपणन की जानकारी, बाजार की मॉग, शिक्षा, सूचना एवं संचार आदि मूलभूत जरूरतों को पूरा करेगा। हालांकि गॉवों को सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ पहुँचाने का कार्य पहले ही कुछ निजी कम्पनियों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं राज्य सरकारों द्वारा शुरू किया जा चुका है। किसान काल सेन्टर : आज के दौर में किसान काल सेन्टर बदलते ग्रामीण भारत की नई तस्वीर पेश करते हैं। इन केन्दों से ग्रामीणों और किसानों को कृषि, पशुपालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खी पालन, रेशमकीट पालन एवं अन्य कृषि से सम्बन्धित व्यवसायों की आधुनिकतम जानकारी प्रदान करने के साथ ही उनका इन क्षेत्रों में आने वाली कठिनाइयों एवं समस्याओं के उचित समाधान भी सुझाए जाते हैं। ये किसान काल सेन्टर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र सहित देश के आठ प्रान्तों में ग्रामीणों को बखूबी सलाह, सहायता और मार्गदर्शन कर रहे हैं। इन केन्द्रों पर उपलब्ध टोल फ्री नम्बर 1551 पर देश के किसी भी कोने से फोन पर आवश्यक जानकारी मुफ्त में प्राप्त की जा सकती है। सार्वजनिक उपक्रम समिति : सार्वजनिक उपक्रम समिति (Committee on Public Under-takings) संसद की एक मिति है जिसमें राज्य सभा से 7 तथा लोक सभा से 15 सदस्य अर्थात् कुल 22 सदस्य सम्मिलित होते हैं। इसका कार्य सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिवेदनों और हिसाब-किबात पर विचार करना तथा महानियंत्रक एवं लेखा परीक्षक के प्रतिवेदनों की जाँच करना है। एसटीटी (सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स) : शेयर बाजार में प्रतिभूतियों (Securities) के खरीदने या बेचने पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स लगता है। इसे हटाए जाने की आशा थी, लेकिन 2009-10 के बजट में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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