R.B.I. के प्रमुख कार्य | Reserve Bank of India and its functions | rbi ke karya

R.B.I. के प्रमुख कार्य


(1) पत्र मुद्रा का निर्गमन : 2 रु. से लेकर 1 हजार तक के मुख्य सभी नोट जारी करने का कार्य RBI करता है। प्रारम्भ में नोट जारी करने की प्रणाली अनुपातिक कोष प्रणाली थी अर्थात् 60% मूल्य सरकारी प्रतिभूती या रुपये में तथा 40% सोने व विदेशी प्रतिभूती में। अक्टूबर 1956 से न्यूनतम् कोष प्रणाली अपनाई गई।
इसके अन्तर्गत 515 करोड़ की प्रतिभूति न्यूनतम् रूप से रखना होगा जिसमें 400 करोड़ की विदेशी प्रतिभूतियाँ तथा 115 करोड़ का स्वर्ण रखना अनिवार्य है। वर्तमान में यही प्रणाली प्रचलित है।
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(2) बैंकों का बैंक : यह सभी प्रकार के बैंकों पर नियन्त्रण करता है और इन्हें अन्तिम रूप से ऋण भी प्रदान करता है।

(3) सरकार का बैंक : यह केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बैंकर के रूप में कार्य करता है तथा केन्द्र को अल्पकालीन ऋण भी उपलब्ध कराता है। विदेशी विनिमय कोष का प्रबन्ध भी करता है। यह केन्द्रीय बैंक के सभी विदेशी लेन-देन को भी नियमित करता है अर्थात विदेशी ऋण के सम्बन्ध में सरकार के प्रतिनिधि का रूप में कार्य करता है।

(4) साख नियंत्रक (Credit Control)
रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया अर्थव्यवस्था में व्याप्त मंदी या मुद्रा स्फीति को दूर करने के लिए साख नियंत्रण की क्रिया अपनाती है इसे ही साख नियंत्रण के मौद्रिक उपाय भी कहते है।
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परिमाणात्मक उपाय
  1. बैंक दर : बैंक दर वह दर है जिस दर पर केन्द्रीय बैंक व्यवसायिक बैंकों को उधार या ऋण देता है। इसी को बिलों की पूनरकटौती भी कहते हैं। इसकी वर्तमान दर 6% हैं। मुद्रा स्फीति के दिनों में इसे बढा दिया जाता है तो मंदी के दौर में इसे घटा दिया जाता है।
  2. खुले बाजार की क्रियाएँ : RBI इसके अन्तर्गत प्रतिभूतियों में व्यापार करती हैं अर्थात् जब मुद्रा स्फीति की स्थिति होगी तब वह प्रतिभूतियों को बेचेगी। इसके विपरीत मंदी के दिनों में प्रतिभूतियों को खरीद लेती है।
  3. परिवर्तनीय कोष अनुपात : साख नियंत्रण के सर्वाधिक उपर्युक्त उपाय इसी में शामिल है।

CRR : RBI के नियमानुसार प्रत्येक वाणिज्यिक बैंक अपनी प्रारम्भिक जमा का 3 से 15% तक RBI के पास रखता है। RBI अर्थव्यवस्था की स्थिति के अनुसार इसे घटा-बढ़ा सकती है। वर्तमान में इसकी दर 6% है।

SLR : (Statury Liquidity Ratio) : RBI के नियमानुसार प्रत्येक वाणिज्यिक बैंक अपनी प्रारम्भिक जमा का 25-35% तक अपने पास रख सकता है। जिसे RBI आवश्यकतानुसार बदलती रहती है। वर्तमान में इसकी दर 25% है।

नोट : 2008 में इसकी न्यूनतम सीमा भी समापत कर दी गई और इसे घटा कर 24% कर दिया गया है।

अल्प कालिक ऋण के उपाय
  1. Repo (Re Purchase option) : जब भारत सरकार अर्थव्यवस्था में व्याप्त मंदी को दूर करने के लिए अल्पकालीन ऋण लोगों को देती है तो इसे Repo) कहा जाता है। इससे तरलता में वृद्धि होती है।
  2. Reverse Repo : जब अर्थव्यवस्था से मुद्रा स्फीति को कम करनी होती है तब वह इसका उपयोग करती है। दोनों की दरें क्रमशः 6 और 5% है।

भारतीय रुपया : भारतीय रुपया दशमलव प्रणाली पर आधारित है। 1957 से पूर्ण रुपया एकन्नी, दूअन्नी, चवन्नी के अनुपात में बँटा होता था। 1957-64 के बीच नए पैसे में बदल गया। 1964 के पश्चात नया पैसा-पैसे में बदल गया। 1 रुपए की नोट पित्त मंत्रालय द्वारा जारी की जाती है। इस पर वित्त सचीव के हस्ताक्षर होता है। वर्तमान में इसे बन्द कर दिया गया है।

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