सजीवों का वर्गीकरण (Classification of Living Organism) |

सजीवों को 2 भागों में वर्गीकृत किया गया है-
(1) जन्तु जगत तथा (2) पादप जगत।


जन्तु जगत का वर्गीकरण (Classification of Animal Kingdom) : इसके जन्मदाता (Father of Taxonomy) 'लीनियस' हैं। इन्होंने द्वि-नाम पद्धति स्थापित की, जिसमें किसी प्राणी को उसके जेनरिक (Generic) नाम तथा स्पेसिफिक नाम से सम्बोधित किया जाता है।
जैसे- मनुष्य का आधुनिक नाम- ‘होमोसेपियन' (Homosapien), मेढ़क का - रानाटेग्रिना, हाथी का एलीफस इंडिकस, आम का- मैंगीफेरा इण्डिका, मटर का- पाइजम सेटाइवम है
सम्पूर्ण जन्तु जगत (Animal Kingdom) को 2 उप-जगतों प्रोटोजोआ (Protozoa- एक कोशिकीय) तथा ‘मेटाजोआ (Metazoa- बहुकोशिकीय) में विभाजित किया गया है।
'प्रोटोजोआ के अन्तर्गत अमीबा, पैरामिसियम्, एण्टअमीबा हिस्टोलिटिका (पेचिस पैदा करता है), एण्ट अमीबा जिन्जीवालिस (पायरिया पैदा करता है), प्लाज्मोडियम (मलेरिया पैदा करता है) और एण्टअमीबा कोलाइ (हमारी आँत में अन्तः परजीवी के रूप में पाये जाते हैं तथा आंत्रीय जीवाणुओं को मारने का काम एवं अपच्य भोजन को पचाने का कार्य करते हैं) 'अमीबा (Amoeba) कभी न मरने वाला (Immortal) जन्तु है।
'यूग्लीन (Euglena) ऐ ऐसा सजीव है जिसमें जन्तु एवं पादप-दोनों के गुण पाये जाते हैं। इसके अन्दर क्लोरोफिल पाया जाता है जो कि एक पादप का लक्षण है। 'पैरामिशियम को स्लीपर (Sleeper) जन्तु कहते हैं।

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