सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात कारखाने |

सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात कारखाने

स्थान

तथ्य

राउरकेला (उड़ीसा)

द्वितीय पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत  जर्मनी की सहायता से स्थापित किया गया। 1959 ई. में उत्पादन शुरू हुआ।

भिलाई (मध्य प्रदेश)

द्वितीय पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत रूस की सहायता से स्थापित किया गया। 1959 ई. में उत्पादन शुरू हुआ।

दुर्गापुर (प. बंगाल)

द्वितीय पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत , ब्रिटेन की सहायता से स्थापित किया गया। वर्ष 1962 ई. में उत्पादन शुरू हुआ।

बोकारो (झारखण्ड)

एशिया का सबसे बड़ा संयन्त्र। इसे तृतीय पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत रूस की सहायता से स्थापित किया गया। वर्ष 1973 ई. में उत्पादन आरम्भ हुआ।

बर्नपुर (प. बंगाल)

निजी क्षेत्र संयन्त्र के राष्ट्रयकरण द्वारा अधिगृहीत यह संयन्त्र रूस की सहायता से स्थापित हुआ।

विशाखापत्तनम (आन्ध्र प्रदेश)

चौथी पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत 2256 करोड़ रुपये की सरकारी लागत से रूस की सहायता से स्थापित किया गया।

सलेम (तमिलनाडु)

चौथी पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत स्थापित किया गया।

भद्रावती (कर्नाटक)

चौथी पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीयकृत किया गया।

विजयनगर (कर्नाटक)

चौथी पंचवर्षीय योजना के तहत स्थापित किया गया।


अन्य कारखाने

तृतीय पंचवर्षीय योजना काल (1961-66) में झारखण्ड के बोकारो नामक स्थान पर एक नये कारखाने की आधारशिला रखी गयी, जिसमें चतुर्थ पंचवर्षीय योजना काल में ही उत्पादन प्रारम्भ हो गया वर्तमान में लौह इस्पात का उत्पादन करने वाले उपर्युक्त 7 कारखानों के अतिरिक्त आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम इस्पात संयंत्र से उत्पादन प्रारंभ हो गया है।
यह संयंत्र देश का पहला ऐसा समन्वित इस्पात कारख़ाना है, जिसने आई.एस.ओ. प्रमाण पत्र प्राप्त किया है। साथ ही कर्नाटक के बेल्लारी ज़िले में हास्पेट के समीप विजयनगर इस्पात परियोजना तथा तमिलनाडु के सलेम ज़िले में सलेम इस्पात परियोजना निर्माणधीन है।

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