एंटीसेंस तकनीक (Antisense Technique)।

एंटीसेंस तकनीक (Antisense Technique)-
कुछ विकारों, जैसे: कैंसर, परजीवी और वायरल संक्रमण जो रोजमर्रा के जीवन में विशिष्ट प्रोटीन का अत्यधिक उत्पादन करते हैं, के लिये एक वैकल्पिक उपचार को एंटीसेंस तकनीक के रूप में जाना जाता है।
एंटीसेंस आरएनए एक सिंगल स्टैंडेड आरएनए है, जो कि किसी कोशिका के अंदर प्रतिलिखित (Transcribed)mRNA स्टैंड का पूरक है।
Translation प्रक्रिया को बाधित करने के लिये एंटीसेंस आरएनए को कोशिका में प्रवेश कराया जाता है। यह प्रक्रिया सेंस mRNA के साथ बेस पेयरिंग तथा RNAase एंजाइम की सक्रियता से संपन्न होती है।

उदाहरण के लिये:
mRNA Sequence - AUGAAACCCGUG (Sense)
Antisense RNA - UACUUUGGGCAC
  • जीन अभिव्यक्ति को बाधित करने के लिये एंटीसेंस तकनीक का प्रयोग किया जाता है।

जीन अभिव्यक्ति वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा एक जीन की जानकारी का उपयोग कार्यात्मक जीन के उत्पाद के संश्लेषण में किया जाता है।
  • इस तकनीक में सिंगल स्टैंडेड डीएनए के छोटे सेगमेंट को इंट्रोड्यूज्ड कराया जाता है।
  • ये Oligo Deoxynucleotide mRNA का पूरक होता है, जो कि mRNA को जकड़ (Bind) लेता है, जिससे विशेष प्रकार के प्रोटीन का संश्लेषण नहीं हो पाता है।
  • यह तकनीक जीन फंक्शन का अध्ययन करने और रोग के अधिक विशिष्ट उपचार की खोज के लिये एक शक्तिशाली हथियार के रूप में साबित हुई है।
(एंटीसेंस RNA ट्रांसलेशन प्रक्रिया को ब्लॉक करके प्रोटीन निर्माण को रोकता है।)

एंटीसेंस थेरैपी -
  • आनुवंशिक विकार या संक्रमण के उपचार का एक तरीका है।
  • इसमें एक पूरक mRNA स्टैंड ज्ञात रोगजनक अनुक्रम के आधार पर संश्लेषित किया जाता है और जो अपचयनीय RNAse H को सक्रिय करके पैथोजेनिक जीन को बंद कर देता है।
  • कैंसर, एचआईवी, साइटोमेगालो वायरस (CMV) आदि के इलाज के लिये एंटीसेंस दवाओं की खोज की जा रही है।
  • “Formivirsen', CMV के इलाज के लिये विकसित की गई पहली एंटीसेंस एंटीवायरल दवा है। इसे अगस्त 1998 में एफडीए द्वारा लाइसेंस प्राप्त हुआ था।

RNAi तथा एंटीसेंस तकनीक में अंतर -
  • RNAi तथा एंटीसेंस तकनीक का इरादा और प्रभाव दोनों समान हैं, लेकिन प्रसंस्करण (Processing) दोनों में थोड़ा अलग हैं। एंटीसेंस तकनीक में m RNA के Degradation के लिये RNAse H को नियुक्त किया जाता है, जबकि RNAi में एंजाइम Dicer का उपयोग किया जाता है।
  • RNAi, Antisense Oligonucleotide से दो गुना बड़ा होता है।
निष्कर्षः एंटीसेंस आरएनए टेक्नोलॉजी बुनियादी अनुसंधान और चिकित्सा के लिये विभिन्न अनुप्रयोगों की संभावना को दर्शाती है। यह तकनीक दवा की डिज़ाइन के नए तरीकों के विकास के लिये लगभग एक असीमित अवसर प्रदान करती है और एक चुने हुए जीन को निष्क्रिय करने के लिये कई अन्य लोगों के बीच सबसे स्वीकृत दृष्टिकोण में से एक है। हालाँकि इस दावे की पूर्ण प्रतिबद्धता अभी तक स्थापित नहीं की गई है।

जीन साइलेंसिंग (Gene Silencing)-
  • जीन साइलेंसिंग का मतलब जीन की अभिव्यक्ति को रोकने से है। इसका अर्थ यह हुआ कि प्रोटीन की प्रति (copy)जीन के स्तर पर नहीं बनानी होती है।
  • ज्ञातव्य है कि डबल स्टैंडेड डीएनए में transcription की प्रक्रिया से RNA बनता है तथा RNA के translation प्रोटीन का निर्माण होता है।
  • जीन साइलेंसिंग मुख्यतः तीन स्तर पर होती है:
*DNA को हटाकर
*Transcription स्तर पर
*Translation स्तर पर

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