क्या है? वीरता पुरस्कार।

क्या है ? वीरता पुरस्कार।
कौन देता है वीरता पुरस्कार
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार गैर सरकारी संस्था भारतीय बाल कल्याण परिषद(Indian Council for Child Welfare) द्वारा प्रदान किया जाता है। इन पुरस्कारों की शुरुआत परिषद द्वारा वर्ष 1957 में बच्चों को बहादुरी और सेवा के उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रेत्साहित करने के लिए की गई थी। पुरस्कार में विजेता को मेडल, सर्टिफिकेट और नकद राशि दी जाती है। चुने गए बच्चे को आर्थिक सहायता दी जाती है जब तक कि वे ग्रेजुएट नहीं हो जाते। आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप भी प्रदान की जाती है।

कैसे होता है चयन
विभिन्न विषयों जैसे समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, गणित, विज्ञान, कला, संगीत और खेल के विशेषज्ञों की एक समिति विश्लेषण और मुश्किल प्रक्रिया के जरिये इन बहादुरों का चयन करती है। इसके बाद महिला और बाल विकास मंत्री की निगरानी में अंतिम सूची तैयार की जाती है।

कैसे कर सकते हैं आवेदन
जो बच्चा भारत का नागरिक हो, यह अपना रजिस्ट्रेशन कर सकता है। इसके अलावा भारत का कोई भी नागरिक ऐसे किसी बच्चे का रजिस्ट्रेशन कर सकता है जिसने समाज सेवा, शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति में ऐसा काम किया हो, जो दूसरों के लिए प्रेरणा हो।

इन्हें मिला बहादुरी का पुरस्कार
पुरस्कार पाने वालों में छत्तीसगढ़ की कांति पैकरा (10 साल) व कुमारी भामेश्वरी निर्मलकर (12 साल)। हिमाचल प्रवेश की कुमारी अलाइका (10 साल)। कर्नाटक की आरती किरण शेट(9 साल) एवं वेंकटेश (11 साल)। जम्मू-कश्मीर के 18 साल के मुदासिर अशरफ। केरल के 3 साल के फतह पीके। महाराष्ट्र की 11 साल की जेन सदावर्ते व 5 साल के आकाश मछिंत्रा खिल्लारे। मणिपुर के लरेबम यईखोंबा मंगांग(8 साल)। मेघालय के 11 साल के एयरब्लूम के नोंगरम तथा मिजोरम के लालियानसांगा (17 वर्षीय), कैरोलिन मलसामतुआंगी (11साल) व वनलालहरियातरेंगा (13 साल) शामिल है।
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