प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger)
देश में टाइगर रिजर्व की सूची
राज्य |
टाइगर रिजर्व |
कर्नाटक |
बांदीपुर, भद्र, दांडेली-अंशी, नागरहोल, बिलगिरि
रंगनाथ मंदिर |
मध्य
प्रदेश |
पन्ना, कान्हा, पेंच, बांधवगढ़, सतपुड़ा,
संजय-दुबरी |
महाराष्ट्र |
मालघाट, तडोबा-अंधेरी, पेंच, सह्याद्रि, नवगाँव
नगज़ीरा, बोर |
तमिलनाडु |
कलक्कड
मुंडनथुरई, अन्नामलाई, मुदुमलाई, सत्यमंगलम |
असम |
मानस, नामेरी, काजीरंगा, ओरेंग |
राजस्थान |
रणथम्बोर, सरिस्का, मुकुन्द्रा हिल्स |
उत्तराखण्ड |
कॉर्बेट, राजाजी टाइगर रिजर्व |
उत्तर
प्रदेश |
दुधवा, पीलीभीत |
झारखण्ड |
पलामू |
ओडिशा |
सिमलीपाल, सतकोसिया |
पश्चिम
बंगाल |
सुंदरबन, बुक्सा |
छत्तीसगढ़ |
इंद्रावती, उदन्ती-सीतानदी, अचानकमार |
अरुणाचल
प्रदेश |
नामदफा, पाक्के, कमलांग |
बिहार |
वाल्मीकि |
मिजोरम |
दम्फा |
केरल |
पेरियार, पेराम्बिकुलम |
तेलंगाना |
कवाल, अमराबाद |
आंध्र
प्रदेश |
नागार्जुन
सागर-श्रीशैलम |
प्रोजेक्ट टाइगर की प्रमुख सफलताएँ
- 1973 में टाइगर रिजर्व की कुल संख्या 9 थी, जो आज बढ़कर 50 हो गई है। आज यह भारत के 18 राज्यों में फैला हुआ है। पिछले वर्षों से संरक्षण के अंतर्गत क्रोड-बफर-कॉरीडोर रणनीति (Core-Buffer-Corridor Strategy) का प्रयोग किया जा रहा है जिसमें कोड क्षेत्र वन्यजीव संरक्षण के लिये तथा बफर क्षेत्र का प्रयोग विविध उपयोगों के लिये किया जाता है।
- बाघों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जा रही है, 2014 में जहाँ इसकी कल संख्या 2,226 थी यह अब बढ़कर 2,500 के ऊपर पहुँच चुकी है।
राष्ट्रीय
टाइगर संरक्षण प्राधिकरण (National
Tiger Conservation Authority - NTCA) राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण प्राधिकरण 'पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत गठित एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है जो वन्यजीव अधिनियम, 1972 (2006 में संशोधित) के तहत कार्य करता है। यह टाइगर रिज़र्व संबंधित राज्यों को केन्द्रीय सहायता प्रदान करता है। इसके निम्नलिखित कार्य हैं-
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- भारत सरकार ने वर्ष 2010 में बाघों की निगरानी के लिये एक सॉफ्टवेयर आधारित प्रोग्राम M-STrPES (Monitoring System for Tigers Intensive Protection and Ecological Status) प्रारंभ किया। इस प्रणाली के ज़रिये वन्य कर्मचारियों की गश्त, वन क्षेत्र में अपराध से संबंधित आँकड़ों का संग्रह एवं विश्लेषण करना अत्यंत आसान हो गया है।
- डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ के अनुसार 2022 तक इनकी कुल संख्या 6,400 होने के आसार हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि होगी।
- बाघों की निगरानी (Tiger watch) - प्रतिवर्ष भारत में टाइगर वाच के अंतर्गत रूस का एक फील्ड ऑफिसर भारत के बाघ रिज़र्व की स्थिति की जाँच के लिये भारत आता है।
- ग्लोबल टाइगर रिकवरी प्रोग्राम की मॉनीटरिंग - GTF इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत विश्व के सभी संबंधित राष्ट्रों को तकनीक एवं संस्थागत सहायता प्रदान करता है। यह सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं, जो टाइगर संरक्षण के लिये कार्यरत हैं, को तकनीकी वैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है।