प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

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ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत में 5.5 करोड़ लोग सिर्फ इसलिए गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गए, क्योंकि उन्हें इलाज में काफी पैसा खर्च करना पड़ा। नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (NSSO) के अनुसार, देश के करीब 85.9 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों और 82 प्रतिशत शहरी परिवारों की स्वास्थ्य बीमा तक पहुंच नहीं है। इतना ही नहीं देश की लगभग 17 प्रतिशत आबादी अपनी कमाई का 10 प्रतिशत सिर्फ इलाज पर खर्च कर देती है। इसी के मद्देनजर भारत सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) का शुभारंभ किया गया।

स्मरणीय तथ्य

23 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची, झारखंड में 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' (PMJAY) का शुभारंभ किया।
इस योजना के द्वारा 10 करोड़ गरीब परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 के आंकड़ों पर आधारित होगा, इसमें न तो परिवार का आकार आड़े आएगा और न ही उम्र को लेकर कोई सीमा तय होगी।
आयुष्मान भारत योजना कोई एकल योजना न होकर निम्नलिखित दो बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं का संयोजन है

1. स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र
  • यह आयुष्मान भारत योजना के तहत पहला कार्यक्रम है, जिसके अंतर्गत 1.5 लाख स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
  • ये स्वास्थ्य केंद्र गैर-संचारी रोगों और मातृत्व तथा बाल स्वास्थ्य सेवाओं सहित व्यापक स्वास्थ्य देख-रेख सुविधा उपलब्ध कराएंगे।
  • इन केंद्रों में इलाज के साथ-साथ जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों यथा-हाई ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज और मानसिक तनाव पर नियंत्रण हेतु विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
  • इन केंद्रों पर आवश्यक औषधियां एवं नैदानिक सेवाएं मुफ्त उपलब्ध रहेंगी तथा सरकार द्वारा प्राथमिक स्तर से लेकर तृतीयक स्तर तक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (AB-NHPM)
  • आयुष्मान भारत योजना के तहत दूसरा कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना है।
  • इसके अंतर्गत गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर 10 करोड़ से अधिक परिवारों (लगभग 50 करोड़ व्यक्तियों) को प्रतिवर्ष द्वितीयक और तृतीयक स्तरीय देखभाल हेतु अस्पतालों में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज दिया जाएगा।
  • यह योजना गरीबी रेखा से नीचे स्थित परिवारों के लिए वर्ष 2008 में शुरू की गई 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना' (RSBY) तथा 'वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना' (SCHIS) का स्थान लेगी।
  • AB-NHPM के अंतर्गत वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक, जातिगत जनगणना (SECC) डाटा पर आधारित, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में निवासरत 10.74 करोड़ गरीब, कमजोर आर्थिक स्थिति वाले तथा चिह्नित व्यावसायिक श्रेणियों वाले नगरीय श्रमिकों के परिवारों को कवर किया जाएगा।
  • महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को योजना का लाभ उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से योजना में परिवार के आकार और उम्र की कोई सीमा नहीं रखी गई है, किंतु बीमा कवर प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक ही सीमित रहेगा।

इसके क्रियान्वयन हेतु संस्थाओं एवं संरचनाओं का विवरण इस प्रकार है-

A. केंद्रीय स्तर पर

1. आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन परिषद (ABNHPMC)
  • i. अध्यक्ष - केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री
  • ii. कार्य - केंद्र और राज्यों के मध्य नीति-निर्देशन और समन्वय को बढ़ावा देना
2. आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन गवर्निंग बोर्ड (AB-NHPMGB)
  • i. सह अध्यक्ष - सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) तथा सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग
3. आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन एजेंसी (ABNHPMA)
  • i. मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) - केंद्र सरकार के सचिव/अतिरिक्त सचिव स्तर का कोई अधिकारी

B. राज्य स्तर पर

राज्यों में योजना के कार्यान्वयन के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी (SHA) की स्थापना करनी होगी।

C. जिला स्तर पर भी इस योजना के कार्यान्वयन हेतु एक संस्था की स्थापना की जाएगी।
  • योजना में पात्र व्यक्ति सरकारी एवं निजी अस्पतालों (पैनल में सूचीबद्ध), दोनों में से किसी में भी इलाज करवा सकते हैं।
  • AB-NHPM को लागू करने वाले राज्यों के सभी सार्वजनिक अस्पतालों को योजना हेतु सूचीबद्ध माना जाएगा।
  • नीति आयोग के अनुमान के अनुसार, इस योजना पर वार्षिक व्यय लगभग 12 हजार करोड़ रुपये आएगी।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त सेस से प्राप्त होने वाली 11 हजार करोड़ रुपये की राशि को इस योजना में लगाया जाएगा।
  • इस योजना में केंद्र एवं राज्यों का योगदान अनुपात 60:40 होगा तथा तीन पहाड़ी राज्यों एवं पूर्वोत्तर के राज्यों हेतु योगदान अनुपात 90:10 का होगा।
  • यह विश्व में सबसे बड़ी सरकारी वित्तपोषित स्वास्थ्य संरक्षण योजना होगी।
  • स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने इस योजना को 'नमो केयर' अथवा "मोदी केयर' का नाम दिया है।

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