एक्सएक्स | XX/XY लिंग निर्धारण क्या है? | एक्स एक्स क्या है?

XX/XY लिंग निर्धारण | एक्सएक्स क्या है?

लिंग निर्धारण
इस सिद्धान्त के अनुसार सभी पृथकलिंगी जन्तुओं में दो प्रकार के गुणसूत्र होते है:
  • कायिक गुणसूत्र या ऑटोसोम्स - इन पर केवल दैहिक लक्षणों के जीन होते हैं। इनके प्रत्येक युगल जोड़े के दोनों गुणसूत्र एक जैसे होते हैं।
  • लिंग गुणसूत्र - ये गुणसूत्र केवल लिग निर्धारित करते हैं। जन्तुओं में इनका केवल एक जोड़ा होता है। मादा जन्तुओं में दोनों लिंग गुणसूत्र एक जैसे होते हैं। इन्हें X-गुणसूत्र कहते हैं। नर जन्तुओं में दोनों लिंग गुणसूत्र अलग-अलग आकार के होते हैं। एक गुणसूत्र तो मादा के X-गुणसूत्र जैसा होता है किन्तु दूसरा गुणसूत्र अलग होता है। इसे Y-गुणसूत्र कहते हैं। X-गुणसूत्र मादा निर्धारक और Y-गुणसूत्र नर निर्धारक होता है। अतः मादा में XX गुणसूत्र और नर में XY गुणसूत्र होते हैं। लिंग गुणसूत्रों को अतिरिक्त गुणसूत्र (Additional Chromosomes) या एलोसोम्स (Allosomes)कहते हैं।
गुणसूत्र तथा लिंग निर्धारण कुछ द्विगुणित जीवों में, एक विशेष गुणसूत्र की लिंग निर्धारण में एक भूमिका होती है। इस प्रकार के गुणसूत्रों को लिंग गुणसूत्र (सेक्स क्रोमोसोम) तथा समुच्चय के शेष गुणसूत्रों को अलिंग सूत्र (ऑटोसोम्स) कहते हैं।
जब किसी व्यक्ति में लिंग गुणसूत्र आकारिकीय दृष्टि से समान (एक्सएक्स) होते हैं तब उसे समयुग्मकी कहते हैं। ऐसी व्यक्तियों में केवल एक ही प्रकार के गैमीट (युग्मक) बनते हैं, जिनमें X गुणसूत्र होता है। उदाहरण के तौर पर मानव मादा के सभी अंडो में एक x गुणसूत्र होता है अतः मानव मादा को समयुग्मकी (homogametic) कहते है।

मनुष्य में लिंग निर्धारण

मनुष्य में 23 जोड़ी गुणसूत्रों में से 22 जोड़ी ऑटोसोम्स तथा एक जोड़ी लिंग गुणसूत्र होते हैं। स्त्रियों में तो ये दोनों लिंग गुणसूत्र समान होते है किन्तु पुरूषों में एक गुणसूत्र दूसरे की अपेक्षा बहुत छोटा होता है। इस छोटे गुणसूत्र को Y-गुणसूत्र कहते हैं तथा इसके साथी लम्बे व छड़नुमा गुणसूत्र को X द्वारा प्रदर्शित करते हैं। स्त्रियों के दोनों लिंग गुणसूत्र X- गुणसूत्र के समान होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि पुरूषों में XY तथा स्त्रियों में एक्सएक्स लिंग गुणसूत्र होते हैं।
  1. पुरूषों में गुणसूत्र = 44+XY
  2. स्त्रियों में गुणसूत्र = 44+XX

पक्षियों में लिंग निर्धारण

इस प्रकार का लिंग- निर्धारण स्तनधारियों में, जिनमें मानव भी सम्मिलित हैं, और अधिकांश कीटों में पाया जाता है। हालांकि, पक्षियों में लिंग-निर्धारण प्रणाली थोड़ी भिन्न है। पक्षियों में नर और मादा दोनों में दो-दो लिंग गुणसूत्र होते हैं, लेकिन मानवों के विपरीत।

मधुमक्खियों में लिंग निर्धारण

मधुमक्खियों में लिंग-निर्धारण एक व्यष्टि द्वारा प्राप्त गुणसूत्रों के अनेक समुच्चयों से होता है। नर मधुमक्खी, जिसे पुमधुप कहते हैं, अनिषेचित अगुणित अंडों से उत्पन्न होती है और इस प्रकार नर मधुमक्खियों में गुणसूत्रों का केवल एक समुच्चय होता है (16 गुणसूत्र)। मादा मधुमक्खियों यानी श्रमिक और रानी मधुमक्खी दोनों निषेचित अंडों से उत्पन्न होती हैं और इस प्रकार द्विगुणित होती हैं। उनमें गुणसूत्रों के दो समुच्चय पाए जाते हैं (32 गुणसूत्र)। मधुमक्खियों में, केवल मादाएं ही लैंगिक जनन से उत्पन्न होती हैं। मधुमक्खियों की यह एक बड़ी रोचक बात है कि नरों का न तो कोई पिता होता है और न ही उनके बेटे ही होते हैं, लेकिन उनके दादा-दादी और नाना-नानी हो सकते हैं।

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