धातु और अधातु में अंतर
- धातु (Metal)
- अधातु (Non metal)
धातु और अधातु में अंतर | |
धातु | अधातु |
धातु आघातवर्ध्य होते है। इनको पीट कर पतली चादर बनाई जा सकती है। ये तन्य भी होते हैं। और तारों के रूप में खींचा जा सकता है। (अपवाद : Na, Bi) | अधातु न तो आघातवर्ध्य होते हैं और न तन्य। उदाहरण के लिये - लकड़ी और कोयला। |
सभी धातुओं में धात्विक चमक होती है। | इनमें धात्विक चमक नहीं होती है। |
धातु आमतौर पर कठोर होते हैं। | अधातु धातु की अपेक्षाकृत नर्म होते हैं। |
ये सामान्य ताप पर ठोस और तरल अवस्था में होते हैं। | अधातु ठोस, द्रव या गैस किसी भी अवस्था में हो सकते हैं। |
धातु चोट मारने पर एक विशिष्ट ध्वनि उत्पन्न करते हैं। उदाहरणार्थ – स्कूल की घंटी। | अधातु ध्वनि उत्पन्न नहीं करते है। |
इनका घनत्व उच्च होता है। | इनका घनत्व कम होता है। |
ये विद्युत के सुचालक होते हैं। | ये विद्युत के कुचालक होते हैं। |
धातु धनायन होते हैं। | धातु ऋण आयन होते हैं। |
धातु जल के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस देते हैं। | अधातु जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं। |
धातु वायु के साथ अभिक्रिया कर क्षारीय ऑक्साइड बनाते हैं I Mgo,Zno | अधातु वायु के साथ अभिक्रिया कर उदासीन या अम्लीय ऑक्साइड बनाते हैं। उदासीन ऑक्साइड CO,NO अम्लीय ऑक्साइड CO2, NO2 |
धातु तन अम्ल के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस देते हैं। | अधातु तनु अम्ल के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं। |
धातु हैलोजन के साथ अभिक्रिया कर वैद्युत संयोजी हेलाइड बनाते हैं। जैसे NaCI,MgCl2 | अधातु हैलोजन के साथ अभिक्रिया कर सह संयोजी हेलाइड का निर्माण करते हैं। HCI,HBr |
सभी धातुएं चमकीले होते है। | अधातु में कोई चमक नहीं होती है। |
धातु के क्वथनांक एवं गलनांक उच्च होते है। | अधातु का गलनांक एवं क्वथनांक निम्न होते है। |
सामान्य ताप पर धातु ठोस अवस्था में पायी जाती है। | सामान्य ताप पर धातु गैस या ठोस अवस्था में पायी जाती है। |
धातु के उदाहरण : सोडियम, पोटेशियम, लोहा, तांबा, इत्यादि। | धातु के उदाहरण : ओक्सीजन, सल्फर, क्लोरिन, ब्रोमीन, इत्यादि। |
धातु (Metals)
- धातु प्राय: ठोस होते हैं। अपवाद पारा द्रव अवस्था में पाया जाता है।
- धातु कठोर होते हैं। अपवाद सोडियम जिसे चाकू से काटा जा सकता है। Gaएवंcs ऐसे धातु है ,जो हथेली पर रखने पर पिघल जाते हैं।
- धातु में एक विशेष प्रकार की चमक होती है।
- धातु ऊष्मा एवं विद्युत का सुचालक होता है।
- धातु आघातवर्धनीय होते हैं अर्थात उन्हें पीट कर इनकी पतली चादर बनाई जा सकती है।
- धातु तन्यता के गुण दिखाते हैं अर्थात इनसे तार बनाए जा सकते हैं।
- धातु को पीटने पर एक विशेष प्रकार की गुंज उत्पन्न होती है।
- धातु ध्वनिक होते हैं। उदाहरण - सोडियम जिंक कैल्शियम
धातुओं के गुण (Properties of Metals)
- धातुओं के भौतिक गुण (Physical properties of metals)
- धातुओं के रासायनिक गुण (Chemical properties of metals)
- 4AI+3O2 🠒 2A12O3
- 2Na(s) + 2H2O(1) 🠒 2NaOH(aq) + H2(g) + Heat
- 2Mg (s) + 2HCI (aq) 🠒 2MgCI(aq) + H2(g)
- gold < silver < murcury < copper < Hydrogen < Led < Iron <Zinc <Aluminium<Magnesium <Calcium < Sodium<Potassium
धातुओं के उपयोग (Uses of Metals)
- लीथियम (Lithium) (Li)
- सोडियम (Sodium) (Na)
- पोटैशियम (Potassium) (K)
- रूबीडियम (Rubidium) (Ru)
- सीजियम (Cesium) (Cs)
- फ्रन्शियम (Francium) (Fr)
- इनका घनत्व अन्य धातुओं की तुलना में कम होता है।
- इनमें संयोजी कोश में एक ही इलेक्ट्रॉन होता है।
- इनकी परमाण्विक त्रिज्या उनके आवर्त में सबसे अधिक होती है।
- इनकी आयनिक ऊर्जा अन्य धातुओं एवं अधातुओं की तुलना में अत्यधिक कम होती है।
- इनकी विद्युतऋणता अन्य धातुओं की तुलना में कम होती है।
- ये अन्य धातुओं की अपेक्षा अधिक क्रियाशील होते हैं।
- सोडियम तो इतना अधिक क्रियाशील होता है कि खुले में रखने पर क्रिया कर लेता है इसलिए इसे सुरक्षित रखने के लिए मिट्टी तेल में डूबा कर रखा जाता है।
अधातु (Non Metals)
- अधातु तीनों अवस्था में पाए जाते हैं। ब्रोमीन ही केवल ऐसा अधातु है जो द्रव अवस्था में पाया जाता है।
- अधातु मुलायम होते हैं अपवाद हीरा जो कि कार्बन का एक अपरूप है प्रकृति में पाए जाने सबसे कठोर पदार्थ है।
- अधातु में धातु की तरह चमक नहीं होते चमक नहीं होता है। अपवाद आयोडीन में धातु की तरह ही चमक होती है।
- धातुऊष्मा एवं विद्युत का सुचालक नहीं होता है।अपवाद ग्रेफाइट जो कार्बन का एक अपरूप हैविद्युत का सुचालक होता है।
- अधातु आघातवर्धनीय नहीं होते हैं।
- अधातु तन्यता के गुण नहीं दिखाते हैं।
- अधातु को पीटने पर गूंजता हुआ स्वर उत्पन्न नहीं होता है, अर्थात अधातु ध्वनिक नहीं होते हैं। उदाहरण - कार्बन ऑक्सीजन हाइड्रोजन क्लोरीन हिलियम फास्फोरस आदि।
- हाइड्रोजन (Hydrogen)
- कार्बन (Carbon)
- नाइट्रोजन (Nitrogen)
- ऑक्सीजन (Oxygen)
- फॉस्फोरस (Phosphorus)
- सल्फर (Sulfur)
- सेलेनियम (Selenium)
अधातुओं के भौतिक गुण
- उच्च आयनीकरण ऊर्जा (High ionizing energies) : इनकी आयनीकरण ऊर्जा धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है, अतः ये विद्युत चालन के लिए उपयुक्त नहीं होते।
- उच्च विद्युतऋणता (High electronegativity)
- ऊष्मा के दुर्बल चालक या कुचालक
- विद्युत के दुर्बल चालक या कुचालक
- ये ठोकर लगने पर टूट जाते हैं।
- इनमें धात्विक चमक नहीं होती।
- ये आसानी से इलेक्ट्रोन ग्रहण करके स्थायित्व की अवस्था में आने की कोशिश करते हैं।
- ये ठोस, द्रव, गैस किसी भी अवस्था में पाये जाते हैं।
- अधिकांश अधातुएँ ऑक्साइड प्रदान करते हैं जो जल में घुलकर अम्ल बनाते हैं।
- 2Mg(s) + O2 (g) 🠒 2MgO(s)
- Fe2O3(s) + 3C(s) 🠒 2Fe (s)+3CO(g)
- आवर्त सारणी में धातु तत्वों को मुख्य रूप से बॉयी तरफ और बीच में स्थान दिया गया है, अर्थात वर्ग IA IIA (क्षारीय धातु) वर्ग IB, VIIIB (संक्रमण धातु) आदि मुख्य धात्विक तत्व हैं।
- लगभग सभी धातुएँ ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके ऑक्साइड बनाती हैं।
- आवर्त सारणी में क्षारीय धातुओं को बॉयी तरफ अर्थात वर्ग IA में रखा गया है।
- सोडियम की अत्यधिक क्रियाशीलता के कारण इसे मिट्टी के तेल में डूबा कर रखा जाता है।
- उच्च विद्युतऋणात्मकता वाले अधातु धातुओं का ऑक्सीकृत करके उनके ऑक्साइड बना देते हैं।