आर्थिक शब्दाबली भाग 3 |


बैंक दर (Bank Rate) : बैंक दर से अभिप्राय उस दर से है, जिस पर केन्द्रीय बैंक सदस्य बैंकों के प्रथम श्रेणी के बिलों की पुनर्कटौती करता है अथवा स्वीकार्य प्रतिभूतियों पर ऋण देता है। कुछ देशों में इसे कटौती–दर भी कहा जाता है। बैंक दर में परिवर्तन करके केन्द्रीय बैंक देश में साख की मात्रा को प्रभावित कर सकता है।

खुले बाजार की क्रियाएँ (open Market operations) : यह भी केन्द्रीय बैंक द्वारा साख नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण उपाय है। खुले बाजार की क्रियाओं के अन्तर्गत केन्द्रीय बैंक द्वारा मुद्रा बाजार में किसी भी प्रकार के बिलों अथवा प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय होता है, परन्तु संकीर्ण अ में इससे अभिप्राय केन्द्रीय बैंक द्वारा केवल सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय होता है।

म्यूचुअल फण्ड (Mutual Fund) : म्यूचुअल फण्ड के अन्तर्गत जन-साधारण के निवेश योग्य धन को ऐच्छिया आधार पर एकत्रित करके विनियोग के बेहतर अवसरों में प्रयोग किया जाता है। इसकी स्थापना प्रायः निवेश सम्बन्धी निर्णय लेने वाली दक्ष वित्तीय संस्थाओं द्वारा की जाती है। भारत में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इण्डिया, स्टेट बैंक, कनारा बैंक, बैंक ऑफ इण्डिया, इण्डियन बैंक तथा जीवन बीमा निगम आदि ने इस प्रकार के म्यूचुअल फण्ड स्थापित किए हैं।

प्रतिभूति (Security) : प्रतिभूति एक व्यापक शब्द है। एक अर्थ में प्रतिभूति शब्द का प्रयोग प्रपत्रों के रूप में वित्तीय परिसम्पत्तियों तथा शेयर डिबेन्चर व अन्य ऋणपत्रों आदि के लिए किया जाता है। बैंकिंग में इणों की जमानत के सन्दर्भ में भी प्रतिभूति काफी प्रयुक्त होता है, जहाँ प्रतिभूति से अभिप्राय उस बीमित हित से होता है, जो ऋण के भुगतान न होने की स्थिति में उत्पन्न होता है अर्थात् प्रतिभूति ऋण का बीमा होती है। बैंकों द्वारा ऋणी की व्यक्तिगत अथवा दृश्य प्रतिभूति पर ऋण प्रदान किया जाता है।

प्राथमिक प्रतिभूति (Primary Security) : प्राथमिक प्रतिभूति से अभिप्राय उस प्रतिभूति से होता है जो ऋण को मुख्यतः सुरक्षित करती है तथा यह प्रतिभूति ऋणी द्वारा प्रदत्त की जाती है।

सरकारी प्रतिभूतियाँ (Government Securities) : सरकारी प्रतिपूतियों में सरकारी प्रतिज्ञापत्र (Government promissory notes), राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र तथा राष्ट्रीय बचत योजना, वाहक बन्धक पत्र (Bearer bounds) आदि सम्मिलित किए जाते हैं। बैंक इन प्रतिभूतियों की जमानत पर सरलता से ऋण प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि इन प्रतिभूतियों का मूल्य स्थिर रहता है तथा ये सुरक्षित समझी जाती है।

सावधि जमा (Time Deposits) : सावधि जमाओं के अन्तर्गत उन समस्त जमा राशियों को सम्मिलित कियाजाता है, जो एक निर्धारित अवधि के लिए बैंक के पास जमा की जाती हैं। यह जमा राशि विनिर्दिष्ट अवधि समाप्त होने पर देय (Repayable) होती है। बैंक ऐसी जमा राशियों पर अपेक्षाकृत ऊँची दर से ब्याज देते हैं। इस प्रकार के जमा बैंकों द्वारा प्रायः सावधि जमा खाते (Fixed Deposit Account) तथा अवर्ती जमा खाते (Recuring Deposit Account) में स्वीकार किए जाते हैं।

माँग जमा (Demand Deposits) : माँग जमाओं के अन्तर्गत उन समस्त जमा राशियों को सम्मिलित किया जाता है, जो जमाकर्ता द्वारा अपनी इच्छानुसार चाहे जब वापस माँगी जा सकती हैं। बैंकों में चालू खाते (Current Account) तथा बचत खाते (Saving Account) में जमा राशियाँ माँग जमा के अन्तर्गत आती हैं।

बचत बैंक खाता (Savings Bank Account) : बचत बैंक खाता उन व्यक्तियों के लिए है, जो अपनी भावी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी वर्तमान आय का कुछ भाग बचाकर रखना चाहते हैं। इस खाते में जमा राशि पर कुछ व्याज भी दिया जाता है। प्रत्येक कलेण्डर महीने के दसवें दिन के अन्त से लेकर उस महीने की अन्तिम तारीख तक की अवधि में जो भी न्यूनतम जमा बाकी रहती है, उसे आधार पर ब्याज दिया जाता है।

चालू खाता (Current Account) : यह एक प्रकार का माँग जमा (Demand Deposit) खाता है जिसमें से किसी भी कार्य दिवस को अनेक बार कितनी भी राशि का लेन-देन किया जा सकता है। इन खातों में जमा राशियों पर कोई ब्याज नहीं दिया जाता, बल्कि बैंक लेन-देनों (Transactions) की संख्या के आधार पर कुछ सेवा शुल्क (Service charge) खाताधारी से वसूल करते हैं।

स्मार्ट कार्ड (Smart Card) : डाक विभाग द्वारा चुनिंदा शहरों में प्रारम्भ की गई प्रीमियम बचत बैंक सेवा के अन्तर्गत प्रत्येक खातेदार को एक स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा, जिससे वर्तमान कागज की पासबुक व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। स्मार्ट कार्ड के माध्यम से खातेदार किसी एक निश्चित डाकघर के स्थान पर विभिन्न डाकघरों में अपने खाते में धन जमा करा सकेंगे तथा निकाल सकेंगे।

अनिवासी (वाह्य) रुपया खाता Non-Resident (External) Rupee Accounts : इस प्रकार के खाते प्रमुख व्यापारिक बैंकों में अनिवासी भारतीयों के नाम में खोले जा सकते हैं। यह खाते भारतीय रुपयों में खोले जाते हैं। खातों का मूलधन तथा उस पर अर्जित ब्याज को बिना किसी कठिनाई के जमाकर्ता को उसके देश वापस कर दिया जाता है, परन्तु रुपयों को विदेशी मुद्रा में उत्त दर से परिवर्तित किया जाता है, जोकि धन भेजने की तारीख को लागू होती है। इन खातों पर दिया गया ब्याज कर मुक्त होता है। ऐसे खाते अनिवासी भारतीयों (NRIs) तथा भारतीय मूल के विदेशियों द्वारा खोले जा सकते हैं। अन्य विदेशी लोगों को ऐसे खाते खोलने की अनुमति नहीं है।

विनिमय साध्य विपत्र (Negotiable Instrument) : विनिमय-साध्य विपत्र एक लिखित प्रपत्र होता है, जो विधि अथवा व्यापारिक प्रथा के अन्तर्गत अन्तरित किया। जा सकता है। जो व्यक्ति ऐसा प्रपत्र सद्भाव से तथा मूल्य के बदले (in good faith and for value) प्रापत करता है, उस व्यक्ति को ऐसे प्रपत्र पर समुचित स्वामित्व रखने का विशेषाधिकार प्राप्त होता है चाहे उसके अन्तरणकर्ता का उस विपत्र पर कोई स्वामित्व नहीं था अथवा दोषपूर्ण स्वामित्व था। वचन-पत्र (Promissory note), विनिमय–पत्र (Bill of exchange) तथा चेक (Cheque) की गणना विनिमय साध्य विपत्रों के अन्तर्गत की जाती है। इन विपत्रों का नियमन ‘विनिमय साध्य विपत्र अधिनियम (Negotiable Instruments Act) के द्वारा होता है।

'ऑन-फार्म वाटर मैनेजमेंट (On-Farm Water Management) स्कीम : केन्द्रीय वित्त सहायता द्वारा एक नई स्कीम 'On-Farm Water Management' मार्च 2002 में पूर्वी भारत में फसल उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई। इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य 'ग्राउण्ड एण्ड सरफेस वाटर के अत्यधिक दुरुपयोग को रोककर एवं उसके कुशल उपयोग से खाद्यान्नों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना रखा गया था, जिसमें, बाद में आर्थिक मदद 20% लाभार्थी द्वारा, 30% भारत सरकार (GOI) द्वारा एवं 50% 'NABARD' द्वारा 'Bank Loan' के रूप में रखी गई, लेकिन वर्ष 2006-07 से यह स्कीम बन्द कर दी गई है।

मुक्त बन्दरगाह : मुक्त बन्दरगाह एक ऐसा पत्तन नगर है। या उसका कोई भाग है जो वस्तुओं को लादने और उतारने (निर्यात एवं आयात) के लिए सीमा शुल्क या इसी प्रकार के अन्य नियंत्रणों से मुक्त होता है। मुक्त बन्दरगाह पर आयातित या निर्यातित अधिकांश वसतुएं सीमा शुल्क से मुक्त होती हैं, परन्तु कुछ विशिष्ट वस्तुओं पर सीमा शुल्क देना भी पड़ता है। इसे मुक्त क्षेत्र भी कहते हैं। हांगकांग, सिंगापुर, कोपेनहेगन (आंशिक रूप से) मुक्त पत्तन है।

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