सुर्खियों में क्यों -
हाल ही में, ब्रिस्बेन में किम्बलें प्रोसेस सर्टिफिकेशन स्कीम प्लेनरी आयोजित की गयी जिसके अंतर्गत रिव्यू एंड रिफार्म पर एक तदर्थ समिति बनाने का निर्णय लिया। इसकी अध्यक्षता भारत द्वारा की गयी थी।
किम्बर्ली प्रोसेस सर्टिफिकेशन स्कीम (KPCS) के सम्बन्ध में ।
- यह एक संयुक्त सरकारी, अंतर्राष्ट्रीय हीरा उद्योग और सिविल सोसाइटी की एक पहल है, जो कनफ्लिक्ट डायमंड्स (संघर्षों का वित्तपोषण करने और स्थायी सरकार के तख्तापलट के लिए उपयोग किए जाने वाले अपरिष्कृत हीरे) के प्रवाह पर प्रतिबंध लगाती है।
- इसे 2003 में आरंभ किया गया जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपरिष्कृत हीरों (रफ डायमंड्स) के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन योजना के निर्माण के समर्थन में वर्ष 2000 में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया। इसका उल्लेख संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में भी किया गया है।
- भारत KPCS का एक संस्थापक सदस्य है। वर्तमान में, KPCS में 81 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 54 सदस्य हैं। इसमे 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ भी सम्मिलित है।
- KPCS, भाग लेने वाले देशों को अपरिष्कृत हीरे के नौवहन को ‘कनफ्लिक्ट-फ्री' के रूप में प्रमाणित करने और वैध व्यापार में कनफ्लिक्ट डायमंड्स के प्रवेश पर रोक लगाने में सक्षम बनाता है।
- KPCS की शर्तों के अनुसार, सदस्य राज्यों को न्यूनतम मांगों को पूरा करना होगा तथा साथ ही राष्ट्रीय कानूनों और संस्थानों, निर्यात, आयात और आंतरिक नियंत्रण, पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्धता और सांख्यिकीय आंकड़ों के आदान-प्रदान को भी बनाए रखना होगा।