संघशासित क्षेत्रों का प्रशासन | The Administration of Union Territories



  • भारत में राज्यों के अतिरिक्त कुछ संघशासित प्रदेश भी हैं, जिनका प्रशासन केन्द्र द्वारा किया जाता है।
  • भारत में सात केन्द्र शासित प्रदेश है। दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर ओर नगर हवेली, दमन और द्वीव, लक्षद्वीप, पांडिचेरी और चंडीगढ़ |
  • अनुच्छेद 239 के अनुसार संघ शासित क्षेत्रों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति संघशासित क्षेत्रों का प्रशासन अपने द्वारा नियुक्त प्रशासक के माध्यम से करता है।
  • राष्ट्रपति संघ शासित क्षेत्रों में प्रशासन के लिए किसी पड़ोसी राज्य के राज्य पाल को भी नियुक्त कर सकता है।
  • राष्ट्रपति द्वारा संघ शासित क्षेत्रों के प्रशासन की शक्ति संसद द्वारा बनायी गयी विधि के अधीन होती है।
  • अनुच्छेद 239(क) के अनुसार संसद विधि बनाकर किसी संघ शासित प्रदेश के लिए विधानमंडल तथा मंत्रिपरिषद् का उपबंध कर सकती है।
  • वर्तमान में पांडिचेरी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए विधानमंडल और मंत्रिपरिषद् का उपबंध किया जा चुका है।
  • राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रशासक मंत्रिपरिषद् के सलाह के बिना संसद द्वारा बनायी गयी विधि के अनुसार संघ शासित क्षेत्र का प्रशासन करता है।
  • राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रशासक को उप–राजयपाल अथवा मुख्य आयुक्त नाम दिया गया है।
  • संघ शासित क्षेत्रों से संबंधित विधि बनाने की शक्ति संसद को प्राप्त है।
  • उन राज्यों के अतिरिक्त जहाँ कि विधान मंडल है, अन्य सभी संघ शासित क्षेत्रों के लिए राष्ट्रपति को नियम बनाने की शक्ति प्राप्त है।
  • राज्यों के राज्यपालों की भाँति संघ शासित क्षेत्रों के प्रशासकों को भी अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्राप्त हैं।
  • अनुच्छेद-241 में संसद को यह शक्ति प्रदान की गई है। कि वह विधि बनाकर किसी संघशासित क्षेत्र के लिए उच्च न्यायालय का गठन कर सकती है।
  • वर्तमान में दिल्ली एकमात्र ऐसा संघ शासित प्रदेश है, जिसके लिए उच्च न्यायालय का गठन किया गया है।


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