रसायन विज्ञान की कुछ शब्दाबली |


पदार्थ : पदार्थ वह है जो कुछ स्थान घेरता, जिसमें भार हो, जो व्यक्ति को अपनी उपस्थिति का अहसास करा सके पदार्थ ठोस, द्रव, गैस तीनों अवस्था में हो सकते हैं।
तत्व (Element) : वह सरल पदार्थ जो न तो अपने से सरल पदार्थ में विभक्त हो सके न ही अन्य सरल पदार्थों के योग से बनाया जा सके, तत्व कहलाता है। जैसे - ऑक्सीजन, कार्बन।
मिश्रधातु : दो या दो से अधिक धातुओं के मिश्रण से बनी धातु को मिश्रधातु कहते हैं।
अपररूप : जब कोई तत्व दो या दो अधिक भौतिक अवस्थाओं में पाया जाता है तो उसे अपररूप कहते हैं जैसे कार्बन के दो अपररूप - ग्रेफाइट और हीरा। रासायनिक गुण समान परन्तु भौतिक गुण भिन्न-भिन्न हो।
अमलगम : किसी धातु के पारे के साथ बने मिश्रण को अमलगम कहा जाता है।
अम्ल (Acid) : वह रासायनिक यौगिक, जिसमें से हाइड्रोजन आयन (II) निकलते हैं तथा जो नीले लिटमस पेपर को लाल रंग में बदल देते हैं। एवं जिसका स्वाद खड़ा होता है। और जो सक्षारक होते हैं अम्ल कहलाते हैं। इसमें लोहा, टिन जस्ता जैसी अनेक धातुये घुल जाती हैं।
क्षार (Base) : ऐसा पदार्थ जो अम्ल से क्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं। ये लाल लिटमस को नीला बना देते हैं। तथा स्वाद में कडुवे होते हैं।
उभयधर्मी पदार्थ : ऐसा पदार्थ जिसमें अम्ल तथा क्षार दोनों के गुण मौजूद होते है।
गैलवीनीकरण : लोहे या इस्पात को जंग या क्षरण से बचाने के लिए उस पर जस्ता (Zn) का मुल्लमा चढ़ाते हैं, इसे गैलवनीकरण कहते हैं। संसार का इस्तेमाल होने वाला 35% जस्ता गैलनवीकरण में ही प्रयोग होता है।
उर्ध्वपातन : वह क्रिया जिसमें ठोस पदार्थ बिना द्रव में बदले गैस अवस्था में आ जाते हैं, उर्ध्वपातन कहते हैं। ये पदार्थ हैं - कैम्फर, आयोडीन, नौसादर आदि।
प्रतिदीपित (Fluorescence) : कुछ पदार्थ दृश्य प्रकाश विकिरण अवशोषित करते ही अपने अन्दर से दृश्य प्रकाश प्रस्फुटित करने लगते हैं इसे प्रतिदीप्ति कहते हैं जैसेइयोसिन रंजक।
स्फुरदीप्ति (Phosphorescence) : कुछ पदार्थ दृश्य प्रकाश विकिरण अवशोषित करने के बाद विकिरण स्रोत हटाने के बाद भी दृश्य प्रकाश निकालते रहते हैं, इसे स्फुरदीप्ति कहते हैं। ये पदार्थ है- कैल्सियम सल्फाइट, जिंक सल्फाइट।
ऑक्सीकरण (Oxidation) : वह रासायनिक क्रिया जिसमें तत्व से इलेक्ट्रान का हास होता है।
अवकरण (Reduction) : वह क्रिया जिसमें तत्व के इलेक्ट्रान में वृद्धि होता है।
उत्प्रेरक (Catalyst) : वे पदार्थ, जो रासायनिक क्रिया की गति तीव्र या मंद कर दें परन्तु रासायनिक क्रिया में भाग न ले, उत्प्रेरक कहलाते हैं।
pH मान : यह एक स्केल हैं इस पर किसी पदार्थ की अम्लता या क्षरकता को मापा जाता है। pH किसी पदार्थ की हाइड्रोजन आयन उत्सर्जन क्षमता की गणितीय अभिव्यक्ति है। ph स्केल शून्य से 14 तक हो सकती है। ph मान 7 उदासीनता (न अम्ल, न क्षार), 7 से कम अम्लता तथा 7 से अधिक क्षरकता का द्योतक हैं। 7 से जितना कम pH मान हो, अम्ल उतना शक्तिशाली होगा।
विलयन : विलयन वह है, जो किसी विलयन के ph परिवर्तन को रोकता है।
ऊष्मा तथा ताप : ऊष्मा ऊर्जा का एक रूप है जो किसी वस्तु में उसके बनाने वाले अणुओं की गति के कारण पैदा होता हैं जबकि ताप वस्तु की तापीय अवस्था निर्दिष्ट करता है।
कली चूना तथा सोडा चूना : कली चूना कैल्सियम तथा ऑक्सीजन का यौगिक है। कली चूना तथा सोडियम हाइऑक्साइड के संयोग से सोडा चूना का निर्माण होता है।
परमाणु तथा केन्द्रक : परमाणु तत्व का वह सूक्ष्मतम कण है जिसमें तत्व के सारे गुण विद्यमान रहते हैं। परमाणु के केन्द्र में केन्द्रक होता है, जहाँ परमाणु की सारी संहति मौजूद होती
एमौरफस तथा एम्फोटेरिक : जिन पदार्थों का रवा नहीं। होता है, वे पदार्थ एमोरफस कहलाते हैं। अम्ल तथा क्षार दोनों का गुण रखने वाले पदार्थ एम्फोटेरिक कहलाते हैं।
परमाणु भार तथा परमाणु संख्या : किसी तत्व का परमाणु भार यह बताता है कि वह तत्व हाइड्रोजन के एक परमाणु से कितना गुना भारी है। किसी तत्व की परमाणु संख्या यह स्पष्ट करती है कि उस तत्व के केन्द्रक में कितने प्रोटान हैं।
रेडियो सक्रियता : ऐसी किरणें जिनसे वेकुरेल किरणें उत्सर्जित होती हैं, रेडियो ऐक्टिव कहलाती हैं। रेडियो ऐक्टिव वेकरेल किरणों के उत्सर्जन के प्रपंच को रेडियो ऐक्टिवता या रेडियो सक्रियता कहते हैं।
उत्प्रेरक : उत्प्रेरक ऐसा पदार्थ है जिसकी मात्रा उपस्थिति से कोई भी रासायनिक क्रिया में वृद्धि या हास हो जाता है किन्तु उस पदार्थ में कोई परिवर्तन नहीं होता। जो उत्प्रेरक रासायनिक क्रिया में वृद्धि करता है, उसे धन उत्प्रेरक कहते हैं।
निष्क्रिय गैसें : साधारणतः जो गैस रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग नहीं लेती, उसे निष्क्रिय गैस कहा जाता है। जैसेहीलियम, नीआन, आर्गन, क्रिप्टन, रेडोन, जोनोन्।
अधातु : जिन तत्वों में धातुओं के गुण नहीं है, अधातु कहलाते हैं। अधातु भंगुर होते हैं। अधातुओं में सुघयता नहीं होता है।
उपधातु : जो तत्व धातुओं एवं अधातुओं दोनों के बीच के गुण प्रदर्शित करते हैं, उपधातु कहलाते हैं।
यौगिक : वह पदार्थ जो दो या दो से अधिक तत्वों के पारस्परिक रासायनिक संयोग से बना होता है और जिसे उपयुक्त रासायनिक साधनों सहारे भिन्न गुणवाले अवयवों में विच्छेदित किया जा सकता है, यौगिक कहलाते हैं।
मिश्रण : जिन पदार्थों में भिन्न-भिन्न प्रकार के दो या दो से अधिक भाग होते हैं मिश्रण कहते हैं। मिश्रण के अवयवों को भौतिक विधियों द्वारा पृथक किया जा सकता है।
उष्माक्षेपी अभिक्रिया : ऐसी अभिक्रिया जिसमें उष्मा निकलती है, उष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाती है।
संयोजकता : किसी परमाणु की संयोजकता इलेक्ट्रॉन की वह संख्या है, जो परमाणु दूसरे परमाणु के साथ सम्बन्ध होने में खोता है अथवा ग्रहण करता है।
अणु : पदार्थ अणुओं से और अणु परमाणुओं से बने होते हैं। किसी पदार्थ के सूक्ष्मतम कण जो स्वतन्त्र अवस्था में रह सकते है तथा जिसमें उस पदार्थ के समस्त गुण उपस्थित रहते हैं, अणु कहलाते हैं। अम्ल : ऐसा द्रव्य जो घोल में हाइड्रोजन आयन देता है, जिसमें हाइड्रोजन रहता है। जिसके धातु द्वारा विस्थापन से लवणका निर्माण हो सकता है, जिसमें प्रोटीन त्यागने की प्रवृत्ति हो, अम्ल कहलाता है।
कार्बन : कार्बन एक तत्व है। इसका नाम लैटिन शब्द "काब” से लिया गया है जिसका आशय है कोयला।
द्रवणांक : किसी भी ठोस का द्रव के रूप में परिवर्तित होने की क्रिया को द्रवण कहते हैं। और जिस स्थिर ताप पर ठोस पिघलकर दुव अवस्था में आ जाता है, उसे उस द्रव का द्रवणांक कहा जाता है।
प्रभाजी आसवन (Fractional Distilition) : इस क्रिया के । तहत उन मिश्रित द्रवों को पृथक किया जाता है, जिनके क्वथनांक में बहुत कम अन्तर होता है। पृथ्वी तल से प्राप्त कच्चे तेल से शुद्ध पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल प्रभाजी आसवन विधि से ही अलग किया जाता है। जलीय वायु से भी विभिन्न गैसों का पृथक्करण भी इसी विधि से किया जाता है।

1 Comments

  1. i am a science student and believe me this is very important for us thanks for sharing it sir

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